कुछ टूटा टूटा सा है
कुछ खाली खाली अंदर है
नींद हुईं गुम आंखो से
मन में उमड़ रहा समन्दर है
क्या रिश्तों की गरिमा है
क्या प्यार मोहब्बत के बंधन
बस एक झूठा सा किस्सा है
और एक ज़हरीला आलिंगन
हृदय विदारक सच्चाई
और धुंध में लिपटी गाथा है
लिखने वाला कोई कवि नहीं
बस द्रवित हृदय अभागा है
LOVE- a single word containing within itself so many emotions, so many relations and so many dreams. A binding force that is the heart and soul of this universe. An energy like no other. My poems are dedicated to love and all it's shades ranging from pure white to demented black for what is hate, but a love gone sour.
Thursday, 15 August 2019
एक द्रवित हृदय अभागा है
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